उत्तराखंड में 143 शिक्षक मिले बीमार, शुरू हुई अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई।
शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने विभागीय कार्यों में तेजी लाने व गुणवत्ता बनाये रखने के लिए अक्षम अधिकारियों और कार्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के लिए चिन्हित करने के निर्देश दिए। शिक्षा बड़ा विभाग होने के नाते कई अधिकारी कर्मचारी व शिक्षक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण अपने कार्य व दायित्वों का निर्वहन सही से करने में अक्षम हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। इन्ही तथ्यों के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में अपने कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में अक्षम शिक्षकों के साथ कार्मिकों व अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
गैरहाजिर शिक्षक होंगे बर्खास्त
गढ़वाल मंडल के शिक्षकों की तीन अक्तूबर को हुई स्क्रीनिंग, इसके बाद शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
उत्तराखंड में 143 शिक्षक बीमार मिले हैं। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के मुताबिक, शारीरिक और मानसिक अस्वस्थ इन शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की दिए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इसमें सबसे अधिक 100 शिक्षक देहरादून जिले के हैं। इसके बाद शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। शिक्षा विभाग में तबादले और संबद्धता के लिए कई शिक्षक बीमार हो जाते हैं, जिससे इनके मूल विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।
जबकि, बीमार शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने के पूर्व में कई बार आदेश हो चुके हैं। शिक्षा मंत्री और शासन के आदेश के बाद भी जिलों से विभाग को इस तरह के शिक्षकों की रिपोर्ट नहीं मिल रही थी।
शिक्षा महानिदेशक के मुताबिक, प्रदेश में 142 शिक्षक और एक कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ मिले हैं। इसमें प्राथमिक के 84, सहायक अध्यापक एलटी के 44, प्रवक्ता 11, एक लिपिक और तीन प्रधानाचार्य शामिल है।
इन जिलों में बीमार हैं शिक्षक और कर्मचारी
बागेश्वर-03, अल्मोड़ा-02, नैनीताल-04, चमोली-08, रुद्रप्रयाग-03, ऊधमसिंह नगर-01, पिथौरागढ़-शून्य, चंपावत-02, पौड़ी-02, देहरादून-100, उत्तरकाशी-02, हरिद्वार-13, टिहरी-03
शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए शासनादेश के अनुसार कार्रवाई होगी। गढ़वाल मंडल में इसके लिए स्क्रीनिंग की तिथि भी तय हो चुकी है।:- झरना कमठान, शिक्षा महानिदेशक।