देहरादून में हो रहे क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल में साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट पर विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण चर्चा।
साइबर अपराध पर आयोजित एक सत्र में, साइबर विशेषज्ञ ओ. पी. मिनोचा, आईपीएस अधिकारी वरुण सिंगला, और लेखक मज़हर फारूकी ने इस बढ़ते खतरे पर चर्चा की। पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने भी साइबर अपराध पर अपने प्रभावशाली विचार साझा किए। सत्र का संचालन श्रीष्टी सेठी ने किया, जिसमें साइबर अपराधों और उनके समाधान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।
आईपीएस अधिकारी एसपी वरुण सिंगला।
आईपीएस अधिकारी एसपी वरुण सिंगला ने कहा, “साइबर अपराध के दो प्रमुख हिस्से हैं – एक जो भारत के अंदर हो रहा है और दूसरा जो विदेशों से हो रहा है।” उन्होंने मेवात और जमतारा जैसे क्षेत्रों को साइबर अपराध के हब के रूप में पहचाना और बताया कि अपराधी अब नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। “साइबर अपराधी अक्सर लोगों को डर का सामना कराकर डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास करते हैं। वे खुद को पुलिस या सीबीआई अधिकारी बताकर किसी पर ड्रग ट्रांसपोर्टेशन का झूठा आरोप लगा देते हैं। इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि लोग बिना सही जानकारी के इन अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं।”
पूर्व डीजीपी अशोक कुमार का बयान।
पूर्व डीजीपी उत्तराखंड अशोक कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि साइबर अपराधियों का तरीका लगातार बदलता रहता है, और उनका मोडस ऑपेरांडी दिन-ब-दिन और जटिल हो रहा है। “आजकल, अपराधी साइबर अपराध में लोगों को डराकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर फंसाते हैं। वे खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी के रूप में पेश कर देते हैं और साइबर अपराध का आरोप लगाकर लोगों को परेशान करते हैं। ये अपराधी डर की मनोविज्ञान का इस्तेमाल करते हैं, ताकि लोग बिना सोच-विचार किए उनके झांसे में आ जाएं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि डिप-फेक और वॉयस क्लोनिंग जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल अपराधी कर रहे हैं, जिससे यह और भी खतरनाक हो जाता है। “यह एक बड़ा चैलेंज है क्योंकि अपराधियों की पहचान करना और उन्हें पकड़ना अब और भी मुश्किल हो गया है,” उन्होंने कहा।
साइबर विशेषज्ञ ओ. पी. मिनोचा का दृष्टिकोण।
साइबर विशेषज्ञ ओ. पी. मिनोचा ने इस सत्र में जागरूकता को प्रमुख बताया। उन्होंने कहा, “साइबर अपराधों से बचने के लिए सबसे जरूरी कदम है जागरूकता। किसी अनजान कॉल पर प्रतिक्रिया न दें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से संपर्क करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें।” उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को इस बारे में जानकारी दी जानी चाहिए कि किस प्रकार साइबर अपराधी उन्हें डराकर उनके साथ धोखाधड़ी कर सकते हैं।
साइबर अपराधों से निपटने के उपाय।
इस सत्र में यह भी बात की गई कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए और अधिक सतर्कता और तकनीकी उपायों की जरूरत है। अधिकारियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि साइबर सुरक्षा के लिए निरंतर प्रशिक्षण और जनता को जागरूक करना बेहद जरूरी है। IPS एसपी वरुण सिंगला ने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और इस संबंध में समन्वय में वृद्धि की जा रही है।