
अब रविवार देहरादून शहर में सिर्फ़ छुट्टी नहीं, बल्कि फिटनेस, दोस्ती और अनुशासन का प्रतीक बन चुका है।
देहरादून की सुबहें अब बदल चुकी हैं। हर रविवार सैकड़ों युवा 3 और 5 किमी की दौड़ में शामिल होकर शहर में फिटनेस की एक नई लहर ला रहे हैं।
इस रनिंग क्लब का सबसे अनोखा पहलू है इसका माहौल – दौड़ के बाद कॉफ़ी रेव्स, वेलनेस सत्र और दोस्तों के साथ पॉज़िटिव एनर्जी का डोज़।
यह पहल धीरे-धीरे युवाओं की ज़िंदगी बदल रही है। कई लोग बताते हैं कि इसने उन्हें नशे जैसी बुरी आदतों से दूर किया और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का मौका दिया।
बीच में आते हैं इसके संस्थापक – समर्थ भंडारी, आदित्य पयाल और पारस गुप्ता। तीन दोस्तों ने मिलकर सोचा था कि क्यों न रविवार की सुबह को देहरादून की पहचान बना दिया जाए, और आज वही सपना हकीकत है।
18 से 35 साल तक के युवा यहाँ हर हफ़्ते इकट्ठा होते हैं और रनिंग को सेलिब्रेशन बना देते हैं।
अब रविवार शहर में सिर्फ़ छुट्टी नहीं, बल्कि फिटनेस, दोस्ती और अनुशासन का प्रतीक बन चुका है।
ज़ेन रन क्लब ने साबित कर दिया है – जब समुदाय साथ आता है, तो बदलाव पक्का होता है।