यूपी समेत 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को 2019 में लोकसभा इलेक्शन के बाद सबसे बड़े सियासी मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। तब पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में एक बार फिर बड़ा बहुमत हासिल करते हुए भाजपा ने सरकार बनाई थी। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब समेत इन 5 राज्यों में देश की कुल आबादी के करीब 25 फीसदी के बराबर लोग रहते हैं। ऐसे में इन चुनावों के नतीजों को लोकसभा के ओपिनियन पोल के तौर पर भी देखा जा रहा है। तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद हो रहे इन चुनावों में भाजपा की परीक्षा होगी। पंजाब को छोड़कर यूपी समेत सभी अन्य 4 राज्यों में भाजपा की सरकार है।
इन चुनावों के नतीजे बता देंगे कि पंजाब, पश्चिम यूपी और उत्तराखंड के तराई वाले इलाकों में भाजपा के प्रति किसानों का गुस्सा अब कम हुआ है या नहीं। उत्तर प्रदेश और पंजाब को छोड़ दें तो उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में कांग्रेस एवं भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। 2017 में कांग्रेस को मणिपुर और गोवा में भाजपा के मुकाबले ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन सत्ता भगवा दल के ही हाथ लगी थी। सबसे दिलचस्प मुकाबला यूपी में है, जहां कांग्रेस और बीएसपी अस्तित्व की जंग लड़ते दिख रहे हैं। यहां सपा और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है। हालांकि पंजाब में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अकाली दल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। यहां भाजपा पहली बार अकाली दल से अलग होकर समर में उतरी है।