हिंद महासागर में फ्रांस सरकार के अधीन रीयूनियन द्वीप को दुनिया का एक बड़ा डिजिटल केंद्र बनाने की योजना है. ये दुनिया का छठा डिजिटल सेंटर होगा. डिजिटल कंपनियों के एक समूह का दावा है कि स्थानीय बेरोजगारी कम होगी.फ्रांस का रियूनियन द्वीप, हिंद महासागर में अपने स्वर्गिक तटों और हरे-भरे लैंडस्केपों के लिए विख्यात है. इस द्वीप का करीब 42 फीसदी हिस्सा यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल है. लेकिन ये द्वीप जल्द ही किसी और चीज के लिए प्रसिद्धि हासिल करने वाला है|
डिजिटल कंपनियों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह की योजना इस द्वीप को दुनिया का एक बड़ा डिजिटल केंद्र बनाने की है. इन योजनाओं से स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी में एक हद तक कमी आ सकती है. पहला चरण 2021 के वसंत में पूरा हुआ था. इसके तहत द्वीप को एक सुपर-फास्ट इंटरनेट केबल के जरिए मेडागास्कर, मॉरीशस और साउथ अफ्रीका से जोड़ा गया था. 24 टेराबाइट क्षमता वाली ये केबल, रियूनियन द्वीप में मौजूदा इंटरनेट कनेक्शनों से 24 गुना ज्यादा तेज है|
रियूनियन स्थित समूह ओसइंडे के सीईओ नासिर गाउलामाले ने डीडब्ल्यू को बताया कि “रियूनियन द्वीप का इंटरनेट, देश का दूसरा सबसे तेज रफ्तार वाला इंटरनेट है और करीब-करीब राजधानी पेरिस जितना द्रुत है.” ओसइंडे की सहायक कंपनी जियोप ने फ्रांस के अपने व्यापारिक सहयोगियों केनाल प्लस और एसएफआर, मॉरीशस के अपने सहयोगियों सीईबी फाइबरनेट और एमटेल और मेडागास्कर की टेल्मा कंपनी के साथ मिलकर मेटिस्स नाम के नये केबल में पांच करोड़ यूरो (57 मिलियन डॉलर) का निवेश किया है.